कई महिलाएँ पहली बार तो स्वाभाविक रूप से माँ बन जाती है। लेकिन ऐसी भी कई महिलाएँ हैं जिन्हे दूसरे संतान के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस अवस्था को सेकंडरी इनफर्टिलिटी कहा जाता है। इस का अहसास कभी कभी हिला देनेवाला हो सकता है। ऐसा होने से अलगाव महसूस होकर उलझन होती है। इस से निराशा तथा क्रोध रूप से भावनिक तनाव निर्माण हो सकता है। कभी कभी इस से अपराधीपन की भावना उत्पन्न हो सकती है।